Blockchain technology: क्या होती है | आखिर कैसे काम करती है यह technology : Technohind

Blockchain technology: क्या होती है। आखिर कैसे काम करती है यह technology : Technohind 

दोस्तों क्या आपने ब्लॉकचैन टेकोनॉल्जी का नाम सुना है। अगर नहीं तो कोई बात नहीं। आप बिटकॉइन (bitcoin) के बारे में तो पक्का जानते होंगे। तो बस ब्लॉकचैन को समझना आपके लिए बहुत आसान होगा। क्योंकि बिटकॉइन (bitcoin) की रिकॉर्ड kipeeing टेक्नोलॉजी को ब्लॉकचेन कहते बिटकॉइन (bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरंसी के अलावा बैंकिंग और इन्वेस्टिंग की दूसरी कामों से भी रिलेट करती है, मतलब जुड़ी हुई है।

इसीलिए बेहतर यही होगा कि आप इसके बारे में जरूर जाने और इसके लिए आपको यह आर्टिकल पूरा पढ़ना होगा। उसके बाद आप जान जाएंगे कि ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है।  और क्या फायदे हैं। ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करने के और क्या ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी कितना सुरक्षित है।

० क्या है, आखिर Blockchain technology :- असल में ब्लॉकचैन एक तरह का डेटाबेस है, और ये डेटाबेस क्या होता है।  दोस्तों डेटाबेस इंफॉर्मेशन का एक कलेक्शन होता है। जो कंप्यूटर में इकट्ठा किया जाता है। यह सभी डाटा एक फाइल में रखा होते हैं जिससे हमें जरूरत पड़ने पर हम किसी भी चीज को सर्च करके निकाल सकते हैं।

यानी किसी भी डाटा को एक बार में कुछ सेकंड में सर्च करके उस डाटा को देख सकते हैं। उसी को डेटाबेस कहा जाता है। मतलब डाटा कहा जाता है।

दोस्तों ब्लॉकचैन का मकसद डिजिटल चीजों को रिकॉर्ड और डिसटीब्यूट करने की इजाजत देना है। लेकिन एडिट करने की नहीं।

यह टेक्नोलॉजी सबसे पहले 1991 में स्टुअर्ट Haber और  W.Scott Stornetta के जरिए सामने आई थी।

लेकिन ब्लॉकचेन को सबसे पहले सन् 2009 में इस्तेमाल किया गया था। यानी इस ब्लॉकचैन टेक्नोलोजी से सबसे पहले बिटकॉइन बनाया गया था।

जो की सतोशी नाकामोटो (stoshi nakamoto) ने इस currency को बनाया था। Satoshi nakamoto कोन थे। यह भी एक रहस्य है।

 

० Blockchain क्यू कहा जाता है, इस techonology को :- अब दोस्तों हम यह भी जानेंगे कि इसे ब्लॉकचैन क्यों कहा जाता है। तो इसका मतलब यह है, की ब्लॉकचैन जनकारी को ग्रुप्स में जोड़ कर रखना, मतलब यह सभी जानकारी को जमा करता है, और इन्हीं ग्रुप्स को ब्लॉक भी कहा जाता है, और ब्लॉक में लिमिटेड स्टोरेज कैपेसिटी होती है।

इसीलिए जब एक ब्लॉक भर जाता है। तो वो पहले भरे हुए ब्लॉक से जाकर जुड़ जाता है। ऐसे में यह एक डाटा की चैन बन जाती है। जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है।

० blockchain के element कैसे काम करते है:-अब जानते हैं ब्लॉकचैन के एलिमेंट्स जो मिल करके ब्लॉकचैन तैयार करते हैं, और साथ ही इस चैन के काम करने का तरीका भी जानते हैं।

दोस्तों ब्लॉकचेन ऐसे ब्लॉक्स की चैन है। जिसमें बहुत सारे डेटा मतलब जानकारियां भरी होती है। हर ब्लॉक के पास पिछले ब्लॉक का एक क्रिप्टोग्राफिक हैश है। ये हैश हर ट्रांजैक्शन पर बनता चला जाता है, और यह नंबर और लेटर्स की एक लाइन होती है।

Crypto Currency Kya Hai ज़रूर पढ़े तो आपको आसानी होगी Blockchain के बारे में समझने में।

दोस्तों हैश ऐसा कनेक्शन है। जो लेटर और नंबर्स के इनपुट को एक फिक्स लेंथ की छुपी हुई आउटपुट में कन्वर्ट करता है। यह हैश सिर्फ ट्रांजैक्शन पर भरोसा नहीं करता है। चैन में उससे पहले बने हुए ट्रांजैक्शन हैश पर भरोसा करता है। अगर ट्रांजैक्शन में छोटा सा भी चेंज किया जाए तो एक नया हैश बन जाता है।

मतलब ब्लॉकचैन के डाटा के साथ कोई भी छेड़छाड़ करने की कोशिश की जाए तो उसकी सारी सेटिंग्स बदल जाती है। इस तरह से रिकॉर्ड में हुई हेराफेरी का पता लगाया जा सकता है। इसीलिए यह एक सुरक्षित जरिया है।

यह ब्लॉकचैन बहुत से कंप्यूटर्स(computers) पर फैली हुई होती है। जो एक दूसरे से जुड़ी हुई होती है, और हर कंप्यूटर के पास ब्लॉकचैन की एक कॉपी होती है।

इन कंप्यूटर्स को नोट्स कहते हैं। यह नोट्स है हैश चेक करके पता लगाते हैं। की ट्रांजैक्शन में कोई बदलाव तो नहीं हुआ है। अगर ट्रांजैक्शन को ज्यादातर नोट्स सही बता देते हैं। तो उस ट्रांजैक्शन को ब्लॉक में लिखा जाता है। यह नोट्स ब्लॉकचैन का एक ढाचा बनाते हैं। ये ब्लॉकचेन डाटा को स्टोर, रिजर्व और सिक्योर करते हैं।

इस तरह से या कई सारे कंप्यूटर को जोड़कर एक नोट तैयार हो जाती है। जो हर कंप्यूटर में अलग-अलग नोट होती है एक जैसी। यह ब्लॉकचैन अपने आप हर 10 मिनट में बदलता रहता है।

दोस्तों ब्लॉकचैन क्या है और यह कैसे काम करते हैं इन सभी चीजों को जानने के बाद अब हम बात करेंगे बिटकॉइन के लिए ब्लॉक चैन कैसे यूज़फुल है।

बिटकॉइन के लिए ब्लॉकचैन एक खास तरह का डेटाबेस है। जहा बिटकॉइन ट्रांजैक्शन को जमा रखा जाता है। बिटकॉइन (bitcoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी में ब्लॉकचैन इन करेंसी के ऑप्शन को कंप्यूटर के नेटवर्क्स पर फैला देता है।

जिससे इन सभी करेंसी को बिना किसी सेंट्रल अथॉरिटी के ऑपरेट किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से रिस्क (risk) भी कम होता है। बहुत सी प्रोसेसिंग और ट्रांजैक्शन फीस भी कम हो जाती है।

Bitcoin कि block चैन में को ब्लॉक्स होते है। वो मॉनिटरी ट्रांजैक्शन के डाटा को स्टोर करते है। लेकिन असल में ब्लॉक चैन ट्रांजैक्शन के दूसरे types का डाटा स्टोर करने के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता है।

० Blockchain के फायदे:-

• ऐसे बहुत से एरिया से जहां blockchain useful साबित हो सकती है। बहुत से जरूरी सेक्टर्स की सर्विसेस को बेहतर बना सकते है।

जैसे बैंकिंग और ब्लॉकचैन के बीच डिफरेंस को देखे तो financially इंस्टिट्यूशन में ज्यादातर 5 दिन या हफ्ते जैसा काम किया जाता है। मतलब अगर आप हफ्ते के बाकी दो दिन अपना cheque deposit करवाना चाहे तो अपको इंतजार करना होगा।

अगर आप चालू दिन में भी चेक deposit करवाते है। तो transaction में काफ़ी टाइम भी लग जाता है। ऐसे में बैंको में इंट्री गेटिंग ब्लॉकचेन के जरिए ट्रांजेक्शन प्रॉसेस 10 मिनट में पूरा हो सकता है।

• ब्लॉकचैन के जरिए banks और institutions के बीच फंड एक्सचेंज भी तेज़ी से कर सकते है।

• Helth care सेक्टर कि बात करे तो इसमें ब्लॉक चैन का उसे करके मरीजों के medicale रिकॉर्ड को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके लिए जब medicale रिपोर्ट Singh किया जाए तो इसे ब्लॉक चैन पर लिखा जा सकता है। इससे मरीजों को ये भरोसा रहेगा की उनके reports में अब कोई भी फेर बदल नही किया जा सकता है।

• इन रिकॉर्ड को ब्लाक चैन पर रिकॉर्ड करते समय private Key का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। जिससे इनकी सुरक्षा भी बनी रहें।

• Banks और health care के अलावा block chain का इस्तेमाल supply chain और voting सिस्टम में भी किया जा सकता है।

• Supply chain में supplyers block चैन में अपने खरीदें हुए मटेरियल का रिकॉर्ड रख सकते हैं। जिससे उन प्रोडक्ट की जानकारी को verify किया जा सकता है।

• वही मॉडर्न voting system मैं भी ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करके election फ्रॉड को रोका जा सकता है।

• और ब्लॉकचेन प्रोटोकॉल से इस काम में ट्रांप्रेंसी बनाई जा सकती है।

• इस तरह बहुत से सेक्टर्स में ब्लॉकचेन का इस्तेमाल किया जा सकता है। और इससे कई फायदे और नुकसान भी मिलते है।

• फायदे जैसे की इस ट्रांसपेरेंट टेक्नोलॉजी की मदद से काम को और तेज़ी से किया जा सकता है।

• 3rd पार्टी verification हटने से खर्चा कम हो सकता है।

•ट्रांजेक्शन को सिक्योर और private भी रखा जा सकता है।

० blockchain technology के नुकसान:-

वही इस टेक्नोलोजी कि खामिया यह है। यह मुफ्त नही है। इसकी Speed की वजह से यह है। एक second में limited transaction ही कर सकती है। और इसका इस्तेमाल illegal कामो में भी किया जाता है।

सूचना:- दोस्तों ये थी ब्लॉकचैन के बारे में खास और जरूरी जानकारी जो आपके पास ज़रूर होनी चाहीए थी। इसलिए बाकी लोगो के साथ शेयर करना बिलकुल ना भले। अगर अपका कोई सवाल हों तो comment Box में ज़रूर पूछे।

Rate this post

Leave a Comment